🚩 श्रीमद भागवत गीता 🚩 अध्याय - 1 (श्लोक - 14)
श्लोक 14
- तत: श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ |
माधव: पाण्डवश्चैव दिव्यौ शङ्खौ प्रदध्मतु: - || 14||
भावार्थ :
इसके बाद सफेद घोडों से युक्त्त उत्तम रथ में बैठे हुए श्रीकृष्ण
और अर्जुन ने भी अलौकिक दिव्य शंख बजाये ।
Meaning :
On the other side, both Lord Krishna and Arjuna,
stationed on a great chariot drawn by white horses,
sounded their transcendental conchshells.
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