गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। आज से (सन 2022) लगभग 5560 वर्ष पहले गीता जी का ज्ञान बोला गया था। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है।
🚩 श्रीमद भागवत गीता 🚩 अध्याय - 1 (श्लोक - 15)
श्लोक 15
पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जय: |
पौण्ड्रं दध्मौ महाशङ्खं भीमकर्मा वृकोदर:|| 15||
भावार्थ :
श्रीकृष्ण ने पाञ्चजन्य-नामक, अर्जुन ने देवदत्त-नामक और
भयानक कर्म करने वाले भीमसेन ने पौण्ड्र-नामक महाशंख बजाया ।
Meaning :
Then, Lord Krisha blew His conchshell, called Panchajanya; Arjuna blew his, the Devadatta; and Bhima, the voracious eater and performer of Herculean tasks, blew his terrific conchshell called Paundra.
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