🚩 श्रीमद भागवत गीता 🚩 अध्याय - 1 (श्लोक - 3)
श्लोक 3
पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता॥3॥
भावार्थ :
हे आचार्य! आपके मेधावी शिष्य द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न के
द्वारा व्यूहाकार खड़ी की गयी सेना को देखिये |
Meaning :
Hey respected teacher! Look at this huge army of sons of Pandu expertly arrayed by your wise disciple son of Drupada, Dhrishtadyumn.
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