गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। आज से (सन 2022) लगभग 5560 वर्ष पहले गीता जी का ज्ञान बोला गया था। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है।
🚩 श्रीमद भागवत गीता 🚩 अध्याय - 1 (श्लोक - 18)
श्लोक 18
द्रुपदो द्रौपदेयाश्च सर्वश: पृथिवीपते |
सौभद्रश्च महाबाहु: शङ्खान्दध्मु: पृथक् पृथक्|| 18||
भावार्थ :
द्रुपद एवं द्रौपदी के पाँचो पुत्र और बड़ी भुजावाले सुभद्रापुत्र अभिमन्यु - इन सभी ने, हे राजन् !
सब ओर से अलग-अलग शंख बजाये ।
Meaning :
Drupada, the sons of Draupad, and the others, O King, such as the son of Subhadra, greatly armed, all blew their respective conch shell.
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